आभासी दुनिया से बाहर निकल कर अब सोशल नेटवर्किंग साईटस और ब्लोग्गिंग के
माध्यम से आपस में संवाद करते लोग असलियत में भी आमने सामने मिल बैठने
लगे हैं । दिनांक ७ फ़रवरी २०१० को पूर्वी दिल्ली के जीजीएस रेस्त्रां में
हिंदी ब्लोग्गर्स की एक बैठक का आयोजन किया गया । इस बैठक में शामिल होने
के लिए जहां जर्मनी जैसे सुदूर देश से हिंदी भाषी व्यावसायी पहुंचे वहीं
हरियाणा, उत्तरप्रदेश और दिल्ली के ब्लोग्गर्स भी इकट्ठा हुए । लगभग
पैंतीस हिंदी भाषी ब्लोग्गर्स ने इस बैठक में शिरकत करते हुए, न सिर्फ़
आभासी दुनिया, विशेषकर ब्लोग्गिंग से जुडे अपने दिलचस्प अनुभव और किस्से
एक दूसरे के साथ बांटे बल्कि , हिंदी ब्लोग्गिंग से जुडे कई मुद्दों ,
समस्याओं , भविष्य की योजनाओं आदि पर भी विचार विमर्श किया ।
सुबह चार बजे से लेकर शाम के चार बजे तक चली इस ब्लोग्गर्स बैठक
में शामिल होने वाले ब्लोग्गर्स में जहां जर्मनी से आए व्यावसायी श्री
राजीव भाटिया जी, मीडिया से जुडे पत्रकारों में श्री खुशदीप सहगल जी,
विनीत उत्पल जी,विनीत कुमार जी, सुश्री प्रतिभा कुशवाहा जी ,मयंक सक्सेना
जी , शिक्षाविद एवं साहित्य से जुडे अविनाश वाचस्पति , कविता वाच्कनवी ,
मसीजीवी, एम वर्मा, सतीश सक्सेना, डा. टी एस दराल, श्री सरवत जमाल जी,
राजीव तनेजा एवं संजू तनेजा जी , मोईन शम्सी जी ,श्री पद्म सिंह, पं डी
के शर्मा वत्स , निशांत त्रिपाठी, मिथिलेश दूबे, विनोद कुमार पांडे,
तारकेशवर गिरि, आदि और बहुत से प्रमुख थे । ब्लोग बैठक के आयोजन में
संयोजक की भूमिका निभाने वाले अजय कुमार झा ने बताया कि भविष्य में हिंदी
ब्लोग्गर्स की बैठक के साथ साथ उनके लिए एक कार्यशाला आयोजित करने की भी
योजना है ।
आभासी दुनिया को अब एक शशक्त विचार संप्रेषण से लेकर , अभिवयक्ति
का एक महतव्पूर्ण मंच मानते हुए सभी ने ब्लोग लेखन को एक जिम्मेदारी और
चुनौती के रूप में स्वीकार किया । इस बैठक की सफ़लता को देखते हुए भविष्य
में राष्ट्रीय ब्लोग्गर्स सम्मेलन के आयोजन को लेकर सभी बहुत उत्साहित
दिखे ।