Sunday, September 4, 2011

आवारा कुत्तों को नहीं पकड़ पाते मोटे कर्मचारी

नगर निगम शाहदरा साउथ जोन ने भले ही क्षेत्र के आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए विशेष टीम गठित कर दी हो, लेकिन टीम काम नहीं कर पा रही है। उसमें शामिल ज्यादातर कर्मचारी इस कदर मोटे हैं कि आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए भागना तो दूर, कुछ दूर चलने के बाद ही उनकी सांस फूलने लगती है। निगम कर्मचारियों की इस खामी का खुलासा क्षेत्र के निगम पार्षदों की ओर से निगम उपायुक्त एवं जोन चेयरमैन को सौंपी गई विशेष रिपोर्ट में हुआ। जोन चेयरमैन ने निगम उपायुक्त को आवारा कुत्तों को पकड़ने वाली टीम में फेरबदल करते हुए मोटे कर्मचारियों को टीम से बाहर कर चुस्त-दुरुस्त कर्मचारियों को रखे जाने का निर्देश जारी किया है। वार्ड नंबर 225 के निगम पार्षद महेंद्र जैन ने योजना विहार में घूम रहे 12 से अधिक आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए निगम की वेटनरी टीम को पिछले दिनों बुलवाया। निगम की टीम मौके पर तो पहंुची, लेकिन सुबह 11 बजे से शाम चार बजे तक के प्रयास में एक भी कुत्ता पकड़ नहीं पाई। दिन भर आवारा कुत्ते आगे-आगे और निगम कर्मचारी उनके पीछे लगे रहे। इस विफलता का सबसे बड़ा कारण टीम में शामिल मोटे और तोंद वाले कर्मचारियों का न भाग पाना और जल्दी थक जाना था। निगम कर्मचारियों की इस बेबसी पर योजना विहार के लोगों को तरस आ गया और उन्होंने निगम कर्मचारियों की मदद करते हुए एक आवारा कुत्ता उन्हें पकड़वा दिया। उसके बाद निगम टीम वहां से गई, तो फिर वापस नहीं गई। कुछ ऐसा ही माजरा निगम पार्षद सोहन लाल के क्षेत्र में भी देखने को मिला। यहां पर भी आवारा कुत्तों को पकड़ने गई टीम खाली हाथ लौटी। निगम की आवारा कुत्तों को पकड़ने वाली टीम की इस खामी की शिकायत जोन के चेयरमैन बीबी त्यागी और निगम उपायुक्त दीपक हस्तीर से की गई। जोन चेयरमैन ने निगम उपायुक्त को निगम की टीम से तोंद वाले मोटे कर्मचारियों को बाहर करने के निर्देश जारी किए हैं। निगम उपायुक्त दीपक हस्तीर ने कहा कि वह मामले की जांच कराएंगे और जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।

शिकायत दहेज प्रताड़ना की, केस दर्ज पत्नी से दुष्कर्म का

विवेक विहार थाना पुलिस को अपनी करतूत के कारण अदालत में शर्मसार होना पड़ा। शिकायत दी गई थी दहेज प्रताड़ना की और मामला दर्ज किया पत्नी से दुष्कर्म का। अदालत में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संजय शर्मा ने पुलिस को खूब फटकार लगाई और आरोपी व्यक्ति को जमानत दे दी। अधिवक्ता आरके चौधरी ने बताया कि ज्वाला नगर निवासी सिमरन कौर ने विवेक विहार थाने में अपने पति अजय भदौरिया, ससुर रघुराज भदौरिया और जेठ शत्रुध्न भदौरिया के खिलाफ 16 जून 2011 को दहेज प्रताड़ना की शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की थी। सिमरन कौर ने शिकायत में पति पर दहेज के लिए मारपीट का आरोप भी लगाया। पुलिस ने सिमरन कौर की शिकायत पर कार्रवाई तो की, लेकिन मामला उल्टा बना दिया। उसने इस कदर लापरवाही बरती कि मामला दहेज प्रताड़ना की धाराओं में दर्ज करने के बजाय दुष्कर्म की धाराओं में लिखा। पुलिस को अपनी इतनी बड़ी लापरवाही का पता भी नहीं चला और मामले को दो माह बीत गए। इसके बाद पुलिस ने आरोपी अजय भदौरिया को गिरफ्तार कर अदालत में पेश भी कर दिया। अदालत में आरोपी अजय भदौरिया की ओर से उनके अधिवक्ता आरके चौधरी ने पुलिस की लापरवाही को बेपर्दा कर दिया। अदालत ने पुलिस को कड़ी हिदायत दी कि इस तरह के गंभीर मामलों में वे रिपोर्ट लिखते समय विशेष रूप से ध्यान दें और इस तरह की गलती दोबारा न हो।