Sunday, July 17, 2016
बास्टर्ड_इस्लामिक
देश और दुनिया भर के मुस्लिम युवाओं को धर्म के नाम पर अन्य धर्मों से नफरत सिखाने और उन्हें आतंकवाद की और प्रेरित करने वाले डॉक्टर जाकिर नाइक ने आज मदीना से स्काइप के जरिये अपनी प्रेस कांफ्रेंस के जरिये कुछ सवालों के जवाब देते हुए यह जता दिया कि उनका मुस्लिम लोगों के दुःख दर्द और परेशानी से कोई लेना देना नहीं है। उनकी दिलचस्पी तो मुस्लिम युवाओं को आतंकवादी बनाने में है।
जाकिर ने तमाम टीवी चैनलों के सामने कहा कि देश में कितने गरीब मुसलमान हैं और कितने अनपढ़ हैं और कितने बेरोजगार हैं। इससे उनका कोई लेना देना नहीं है। न ही वो इसका जवाब देना या जानकारी रखना उचित समझते हैं। ये सवाल टीवी के एक रिपोर्टर ने पूछा था।
इससे पहले जाकिर ने अपने आतंक गुरु की पहचान बताते हुए कहा कि वैसे तो इस्लाम में आत्मघाती हमला जायज नहीं है, अगर कोई अपने कमांडर के कहने पर आत्मघाती हमला करता है तो इस्लाम उसे जायज मानता है। इतना ही नहीं धर्म और देश की रक्षा के लिए किसी की जान लेना और आत्मघाती हमला करना भी जायज है।
इसके अलावा जाकिर ने अपनी प्रेसवार्ता में खुद को निर्दोष बताया और कहा कि वो जांच के लिए तैयार है। जाकिर ने कहा कि वो बचाव में कुछ और वीडियो जारी करेंगे।
अंत में उन्होंने देश के मुसलमानों को भावनात्मक बेवकूफ बनाने के लिए कहा कि उनके चैनल को इसलिए प्रतिबंधित किया गया क्योंकि ये एक मुस्लिम चैनल है। जिससे कि देश के मुसलमान भावनाओं में बहकर बेवकुफ बने और उसका साथ दें। और मुझे लगता है ऐसा होगा भी।
अब आप ही बताये ऐसी सोच वाले जाकिर को आप क्या कहेंगे। बड़ी सफाई से जाकिर आतंकियों को उकसाने वाली सोच का प्रदर्शन कर गया और देश के सेक्युलरिस्ट, कम्युनिस्ट और केजरीवाल लॉबी के कानों पर जू तक न रेंगी। किसी की और से इस जाकिर के खिलाफ एक भी प्रतिक्रिया तक नहीं व्यक्त की गयी।
ऐसे लोगों की पहचान जनता को कर लेनी चाहिए। जिन्हें देशहित नहीं बल्कि निजी हित प्यारा है। यही कारण है के ऐसे लोग जाकिर जैसे आतंक गुरुओं का साथ देते हैं और उनके खिलाफ नहीं जाते।
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