Sunday, July 17, 2016

‪#‎जनता_चाहे_केजरीवाल_से_मुक्ति‬

जरा सोचिए, दिल्ली का मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जो अन्ना, योगेन्द्र , किरण और शाजिया जैसे खासम खास का सगा न हुआ वो किसका सगा होगा भला ?
जब से सरकार बनी है केजरीवाल ने सिवाय केंद्र सरकार को कोसने और अपने चमचों, मंत्रियों और विधायकों को धनवान बनाने के अलावा कुछ किया ही नहीं। फर्जी डिग्री वाले, पत्नियों को कुत्ते की तरह पीटने वाले, लड़की छेड़ने वाले, सरकारी कर्मचारियों पर हमला करने वाले, फर्जी बिलों से लाभ लेने वाले सारे नोरतन आप में ही भरे पड़े हैं। खुद को ईमानदार बताने वाले केजरीवाल ने इन दागी लोगों से किनारा नहीं किया बल्कि इनका साथ देकर इन्हें प्रोत्साहन दिया और पार्टी में संरक्षण प्रदान किया।
ये वही केजरीवाल है जो आधे वेतन में विफयकों के काम करने की दुहाई चुनाव से पहले दे रहा था और चुनाव जीतने के बाद विधायकों का वेतन अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा 200 फीसद बढ़ा दिया। फ्री wifi की बात तो लोग भूल ही रहे हैं।
ये वही केजरीवाल हैं जिन्होंने नियमों के विपरीत जाकर अपने 21 विधायकों को संसदीय सचिव बना कर लाभ के पदों की रेवड़ियां बांटी। अपनी हर नाकामी के लिए केंद्र सरकार को दोषी ठहराना आदत बन चुकी है केजरीवाल की।
ये वही केजरीवाल है जिसने जबरन दबाव डलवा कर कई पत्रकारों को नोकरी से निकलवा दिया। उन पत्रकारों को जो केजरीवाल को सच का आइना दिखा रहे थे।
दिल्ली में सिवाय पिछली सरकार द्वारा शुरू किये गए कार्यों को पूरा कर उसका श्रेय लेने और नाकामी का ठीकरा केंद्र के सर फोड़ने के अलावा कुछ नहीं किया।
ये वही केजरीवाल हैं जो शीला dixit को जेल भेजने और सबूत होने की बात करते थे और बाद में उन्ही सबूतों को इस सरकार ने बेच दिया। शीला dixit से गुप्त समझौता कर लिया गया।
दिल्ली की जनता ने विकास के लिए जिस केजरीवाल को चुना था, वो अपनों का ही नहीं हुआ तो जनता का क्या होगा। दिल्ली की जनता आज केजरीवाल की वजह से खुद को ठगा महसूस कर रही है। क्योंकि जनता का पैसा उनके विकास पर काम और केजरीवाल की ब्रांडिंग और विज्ञापन पर ज्यादा खर्च हो रहा है।

फ्रांस की मीडिया ईमानदार है

फ्रांस की मीडिया ईमानदार है जो गल्फ देशों से रिश्वत नहीं लेती। यही वजह है कि उनमें सच लिखने की हिम्मत है। उन्होंने फ्रांस की घटना को लेकर लिखा है ‪#‎बास्टर्ड_इस्लामिक‬ । फ्रांस जैसे देश को समझते देर नहीं लगी कि आतंकवाद के पीछे की असली विचारधारा क्या है।
वही, दूसरी ओर अपने देश में कुछ ऐसे रिश्वतखोर मीडियाकर्मी हैं। जिन्हें गल्फ देशों से आतंकवादियों के आकाओं द्वारा मोटी रकम मिलती है। यही वजह है कि यहाँ जब किसी आतंकी को मारा जाता है तो मीडिया में लिखा जाता है ‪#‎and_they_hanged_yakoob‬ या फिर बुरहान ‪#‎द_यूथ_लीडर‬ । आतंकवाद के खिलाफ लिखने की बजाये यहाँ उसे हीरो साबित करने में जुट जाते हैं। आतंकियों के प्रति अपनी नमक हलाली साबित की जाती है। आखिर करें भी क्यों नहीं। इसके लिए मोटी रकम जो ली होती है।
मैं कहता हूं कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। मगर कुछ मामलों को छोड़ कर आतंक के सभी मामलों में सभी आतंकी एक ही धर्म से ताल्लुक रखने वाले क्यों होते हैं??
अब समय आ गया है कि देश में ऐसे लोगों के खिलाफ भी आवाज उठानी चाहिए जो आतंकवादी के पक्ष में आवाज उठाते है। ऐसे लोगों को देश से बाहर भेजना चाहिए। आतंकवादी का साथ देने वस्ल भी आतंकवादी होता है।

‎बास्टर्ड_इस्लामिक‬

देश और दुनिया भर के मुस्लिम युवाओं को धर्म के नाम पर अन्य धर्मों से नफरत सिखाने और उन्हें आतंकवाद की और प्रेरित करने वाले डॉक्टर जाकिर नाइक ने आज मदीना से स्काइप के जरिये अपनी प्रेस कांफ्रेंस के जरिये कुछ सवालों के जवाब देते हुए यह जता दिया कि उनका मुस्लिम लोगों के दुःख दर्द और परेशानी से कोई लेना देना नहीं है। उनकी दिलचस्पी तो मुस्लिम युवाओं को आतंकवादी बनाने में है। जाकिर ने तमाम टीवी चैनलों के सामने कहा कि देश में कितने गरीब मुसलमान हैं और कितने अनपढ़ हैं और कितने बेरोजगार हैं। इससे उनका कोई लेना देना नहीं है। न ही वो इसका जवाब देना या जानकारी रखना उचित समझते हैं। ये सवाल टीवी के एक रिपोर्टर ने पूछा था। इससे पहले जाकिर ने अपने आतंक गुरु की पहचान बताते हुए कहा कि वैसे तो इस्लाम में आत्मघाती हमला जायज नहीं है, अगर कोई अपने कमांडर के कहने पर आत्मघाती हमला करता है तो इस्लाम उसे जायज मानता है। इतना ही नहीं धर्म और देश की रक्षा के लिए किसी की जान लेना और आत्मघाती हमला करना भी जायज है। इसके अलावा जाकिर ने अपनी प्रेसवार्ता में खुद को निर्दोष बताया और कहा कि वो जांच के लिए तैयार है। जाकिर ने कहा कि वो बचाव में कुछ और वीडियो जारी करेंगे। अंत में उन्होंने देश के मुसलमानों को भावनात्मक बेवकूफ बनाने के लिए कहा कि उनके चैनल को इसलिए प्रतिबंधित किया गया क्योंकि ये एक मुस्लिम चैनल है। जिससे कि देश के मुसलमान भावनाओं में बहकर बेवकुफ बने और उसका साथ दें। और मुझे लगता है ऐसा होगा भी। अब आप ही बताये ऐसी सोच वाले जाकिर को आप क्या कहेंगे। बड़ी सफाई से जाकिर आतंकियों को उकसाने वाली सोच का प्रदर्शन कर गया और देश के सेक्युलरिस्ट, कम्युनिस्ट और केजरीवाल लॉबी के कानों पर जू तक न रेंगी। किसी की और से इस जाकिर के खिलाफ एक भी प्रतिक्रिया तक नहीं व्यक्त की गयी। ऐसे लोगों की पहचान जनता को कर लेनी चाहिए। जिन्हें देशहित नहीं बल्कि निजी हित प्यारा है। यही कारण है के ऐसे लोग जाकिर जैसे आतंक गुरुओं का साथ देते हैं और उनके खिलाफ नहीं जाते। ‪