जरा सोचिए, दिल्ली का मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जो अन्ना, योगेन्द्र , किरण और शाजिया जैसे खासम खास का सगा न हुआ वो किसका सगा होगा भला ?
जब से सरकार बनी है केजरीवाल ने सिवाय केंद्र सरकार को कोसने और अपने चमचों, मंत्रियों और विधायकों को धनवान बनाने के अलावा कुछ किया ही नहीं। फर्जी डिग्री वाले, पत्नियों को कुत्ते की तरह पीटने वाले, लड़की छेड़ने वाले, सरकारी कर्मचारियों पर हमला करने वाले, फर्जी बिलों से लाभ लेने वाले सारे नोरतन आप में ही भरे पड़े हैं। खुद को ईमानदार बताने वाले केजरीवाल ने इन दागी लोगों से किनारा नहीं किया बल्कि इनका साथ देकर इन्हें प्रोत्साहन दिया और पार्टी में संरक्षण प्रदान किया।
ये वही केजरीवाल है जो आधे वेतन में विफयकों के काम करने की दुहाई चुनाव से पहले दे रहा था और चुनाव जीतने के बाद विधायकों का वेतन अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा 200 फीसद बढ़ा दिया। फ्री wifi की बात तो लोग भूल ही रहे हैं।
ये वही केजरीवाल हैं जिन्होंने नियमों के विपरीत जाकर अपने 21 विधायकों को संसदीय सचिव बना कर लाभ के पदों की रेवड़ियां बांटी। अपनी हर नाकामी के लिए केंद्र सरकार को दोषी ठहराना आदत बन चुकी है केजरीवाल की।
ये वही केजरीवाल है जिसने जबरन दबाव डलवा कर कई पत्रकारों को नोकरी से निकलवा दिया। उन पत्रकारों को जो केजरीवाल को सच का आइना दिखा रहे थे।
दिल्ली में सिवाय पिछली सरकार द्वारा शुरू किये गए कार्यों को पूरा कर उसका श्रेय लेने और नाकामी का ठीकरा केंद्र के सर फोड़ने के अलावा कुछ नहीं किया।
ये वही केजरीवाल हैं जो शीला dixit को जेल भेजने और सबूत होने की बात करते थे और बाद में उन्ही सबूतों को इस सरकार ने बेच दिया। शीला dixit से गुप्त समझौता कर लिया गया।
दिल्ली की जनता ने विकास के लिए जिस केजरीवाल को चुना था, वो अपनों का ही नहीं हुआ तो जनता का क्या होगा। दिल्ली की जनता आज केजरीवाल की वजह से खुद को ठगा महसूस कर रही है। क्योंकि जनता का पैसा उनके विकास पर काम और केजरीवाल की ब्रांडिंग और विज्ञापन पर ज्यादा खर्च हो रहा है।